Direct vs Regular MF: दोनों के बीच मुख्य अंतर एक्सपेंस रेशियो का है. यह सालाना मेंटेनेंस चार्ज है जो म्यूचुअल फंड अपने खर्चों की भरपाई के लिए लेते हैं
एफडी(FD) आमतौर पर पर्चेजिंग पावर को खत्म करने वाला निवेश है, हालांकि यह ज्यादातर लोगों के लिए बचत और निवेश का सबसे पसंदीदा तरीका रहा है.
जब मार्केट में बड़ी गिरावट आए या जब मार्केट मंदी के चरण से गुजर रहा हो तब आपको कम भाव में ज्यादा यूनिट खरीदने का मौका मिलता है.
Switching to Direct Mutual Fund: डायरेक्ट फंड में रेगुलर फंड से कम एक्सपेंस रेश्यो लगता है. एक्सपेंस रेश्यो को आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर होने वाला खर्च समझिए.
रेगुलर प्लान में AMC ब्रोकर या डिस्ट्रिब्यूट का कमीशन MF के खर्च में जोड़कर निवेशक से वसूलती है. कमीनशन न होने से Direct Plan सस्ते होते हैं